Thursday, May 8, 2014

मैं एक कील से बंधा एक छोटा सा घर हूँ
आपके रोज़मर्रा के जीवन का अभिन्न अंग हूँ
है एक नाला मेरे घर के नीचे
बिना सीढ़ी के ही काम चलता शाम सवेरे

हरा भरा घर है मेरा
ताऊ फूफा चाचा सब ने डाला है डेरा
अक्सर महीने के अंत में कोई जाता है
पर तुम्हारे रहते नया रिश्तेदार आ जाता है

आओ परिचय अपने परिवार का देता हूँ
सच मानो, तुम्हारे बिना मैं बिलकुल अकेला हूँ

छोटो से शुरुवात हम करते हैं
ये अकेले तो कभी झुण्ड में रहते हैं
इनकी प्रसिद्धि इनके बालों से है
बाकी तो लकड़ी सा शरीर तुम्हारे हाथों में हैं
बूझो कौन हूँ मैं
अरे भाई तुम्हारा अपना toothbrush हूँ मैं

चलिए अब ज़रूरी चीज़ से मिले
इनके बिना भला आप क्या करें
कमर इनकी नाप के न लो
घाटे का सौदा पड़ेगा, इन्हें ज़रा सोच के लो
ना जाने क्या आतंक यह मचाते है
जब देखो शत्रुओं से भिड जाते हैं
शत्रु एक नहीं बतीस है इनके
ज़रा संभलना कुरुक्षेत्र में खड़े है ये
बूझो कौन है ये
अरे भाई तुम्हारा अपना toothpaste है ये

पुरुष प्रधान देश में हम रहते है
पुरुषो को भला कैसे भूल सकते है
अब बारी तलवार की धार की है
जो डंके की चोट पे रखती हमारे पुरुषों को है
बड़े बड़े मैदान को वीरान कर देती है
इस कला से ये सबको हैरान कर देती है
बूझो कौन है ये
हे पुरुष...तुम्हारा gillete blade ह येै

इनके अजब गजब साथी है ये
जो राह में बादल बिछा देते है ये
अब क्या बूझो के तुम
तुम्हारे shaving brush है सनम
जो मख्खन की तरह, shaving cream लगाते सनम

नारी शक्ति का बोल बाला यहाँ भी है
जिनसे डरना आपका काम है
यूँ तो बड़ी मददगार होती है ये
पर मचल जाए तो खून बहा दी है ये बूझो कौन है ये
अरी बहना.. तुम्हारा nailkatar है ये

बसाया इस घर को तुमने है
हम जिसमें साथ साथ रहते है
जाना हर महीने हमारा ज़रूरी है
पर नया लाके बदलना यह भी तुम्हे ज़रूरी है

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