Friday, April 22, 2011

ज़िन्दगी एक अधूरी किताब है …..
पन्ने उसके वक़्त की स्याही से लिखे जातें है ,
कुछ इतने गहरे की छाप छोड़ जातें है ,
और कुछ वक़्त के साथ धुंधले पड़ जातें है .

कुछ पन्ने ऐसे होते है , जिन्हें याद कर हम मुस्कुराते है ,
जिनके सहारे हम मुश्किल वक़्त भी आसानी से जी लेते है .
कुछ पन्ने ऐसे होते है , जो अनकहे रिश्तों का अहसास करातें है ,
नहीं नाम उन रिश्तों का , पर यादों में अक्सर वो आते है ।

कुछ पन्ने ऐसे होते है , जो सिर्फ लिखने वाले के होते है ,
जिसपर किसी का हक़ नहीं होता , जिससे हर कोई अनजान होता है ।

ज़िन्दगी रहते कोई किताब पूरी नहीं होती ,
गुज़रा वक़्त ही दास्तान लिखता है ,
आने वाला कल सिर्फ इंतज़ार करता है ,
उस अधूरी किताब के पूरे होने का .

जिस दिन किताब पूरी होगी ,
अंत होगा उस लेखक के जीवन का ,
जीवित रहेगी - तो सिर्फ खट्टी मिट्ठी यादें ,
और उन यादों के रूप में - वो किताब .

1 comment:

  1. Very thoughtful and deep. Brings out the low notes of life's music very well. Good job!

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